.@OfficeOfKNath जी मेरा भारत महान था, महान है और महान ही रहेगा लेकिन चीनी दिमाग से सोचने और इटालियन चश्मे से देखने वालों को यह नज़र नहीं आयेगा।
आप जैसों को तो गोस्वामी तुलसीदास जी कहकर गये हैं
'जाको प्रभु दारुण दुःख देही, ताकि मति पहले हर लेही।' pic.twitter.com/OUw7BGuoyr